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आयुष्मान भारत योजना/प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना भारतवर्ष की चिकित्सा क्षेत्र में सबसे बड़ी योजना है. आयुष्मान भारत कार्ड को गोल्डन कार्ड के नाम से भी जाना जाता है. इस योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये तक का इलाज निशुल्क किया जाता है. इस योजना का उद्देश्य भारत देश में रह रहे उन सभी लोगो को लाभ पहुचना है जो आर्थिक रूप से कमजोर है.

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी परिवार को 5 लाख तक का इलाज फ्री में किया जाता है. यह भारत सरकार द्वारा चलायी गयी कैशलैस वीमा योजना है. इस योजना के अंतर्गत किसी भी लाभार्थी मरीज से कोई पैसा नहीं लिया जाता है लेकिन उसके इलाज की जो भी राशि होती है वह सरकार स्वयं ही हॉस्पिटल को अदा करती है. जिसके कारण कोई भी हॉस्पिटल आयुष्मान लाभार्थी का इलाज करने में पीछे नहीं हटता है.

इस योजना में सरकार द्वारा लगभग 11 करोड़ भारतीय परिवारों के सदस्यों के आयुष्मान बनाने को कहा गया है.

इस योजना में सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों व निजी क्षेत्र के अस्पतालों का चयन किया है. लेकिन ध्यान रखे कि हर अस्पताल में हर बीमारी का इलाज नहीं होता है तो कृपया जानकारी लेकर ही अस्पताल जाये कि किस अस्पताल में कौन कौन सी बीमारियों का इलाज होता है. अन्यथा आपको समस्या का सामना करना पड़ है.

इस योजना में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया है. इस योजना में भारत सरकार ने बच्चे वयस्क और बूढ़े सभी को शामिल किया है ऐसा नहीं है कि 60 साल वाले इस योजना का लाभ नहीं ले सकते या बच्चे इस योजना का लाभ नहीं ले सकते. इस योजना का लाभ उन सभी व्यक्तियों को मिलता है जिनका नाम सूची में उपलब्ध होता है. सूची में नाम यदि किसी व्यक्ति का होता है तो निश्चित है कि उसे आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा.

इस योजना में ऐसा भी होता है कि चाहे कोई परिवार आर्थिक रूप से कमजोर नहीं है लेकिन उसका नाम आयुष्मान भारत योजना कि लाभार्थी सूची में है तो उस स्थिति में भी अस्पताल द्वारा उस अमीर व्यक्ति को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जायेगा.

आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए भारत सरकार ने स्वस्थ्य केन्द्रों पर गोल्डन कार्ड बनवाने कि व्यवस्था की है. और सी एस सी केन्द्रों पर भी आयुष्मान भारत कार्ड बनाये जाते है. इसके लिए भारत सरकार लगातार जगह जगह कैंप लगवाकर भी आयुष्मान भारत कार्ड बनवा रही है. इस योजना में अगर कोई व्यक्ति सरकारी या निजी अस्पताल में अपना आयुष्मान कार्ड बनवाता है तो उसे को शुल्क नहीं देना होगा लेकिन अगर वह व्यक्ति सी एस सी केंद्र पर अपना आयुष्मान कार्ड बनवाता है तो उसे 30 रुपये कार्ड बनवाने का चार्ज देना होता है. जो कि सरकार द्वारा निर्धारित है.

अब तक लगभग 12.5 करोड़ लाभार्थी आयुष्मान भारत योजना अर्थात गोल्डन कार्ड बनवा चुके है और लाभार्थी जिन्होंने आयुष्मान योजना का लाभ लिया है वह संख्या भी 1 करोड़ के पास है. कोरोना वायरस का भी इलाज आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किया जाता है. आयुष्मान भारत कार्ड से कोरोना का न सिर्फ निशुल्क किया जायेगा अपितु जो भी जांचे होती है वह में निशुल्क होती है.

इसी योजना के साथ ही मुख्य मंत्री आरोग्य कार्ड भी बनाये गए जो भी बिलकुल प्रधान मंत्री आरोग्य कार्ड कि तरह ही काम करता है. उस कार्ड के द्वारा भी लाभार्थी को 5 लाख तक का निशुल्क इलाज ही मिलता है. मुख्य मंत्री आरोग्य कार्ड में उन लोगो को शामिल किया है जो आर्थिक रूप से कमजोर है. और जिन्होंने सरकारी अस्पतालों में या अपने क्षेत के नेता के पास अपना फॉर्म जमा किया था. उसी के आधार पर मुख्यमंत्री आरोग्य योजना कि सूची जारी कि गयी.

इस योजना में आशा कार्य कत्रियो ने भी बहुत अहम् भूमिका निभाई है. उन लोगो ने भी लगातार सर्वे का कार्य किया है. भारत सरकार के निर्देशानुसार घर घर जाकर लाभार्थी परिवारों को सूचित किया है. और केंद्र पर ले जाकर उनके आयुष्मान कार्ड बनवाने में बहुत बड़ी मदद की है और अपना बहुत बाद योगदान इस योजना को सफल बनाने को किया है.

मेरे व्यक्तिगत विचार से इस योजना कि सूची का दुवारा सर्वे करना चाहिए क्युकी जैसा कि मै एक सी एस सी सेण्टर संचालक हु और और मेरे यहाँ ऑपरेटर्स के द्वारा प्रतिदिन एक बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले और नाम चैक कराने वाले लोग आते है और मै उनसे मिलता भी हु. मै देखता हु कि बहुत सारे गरीब व्यक्ति जिनके पास 2 रोज की रोटी खाने को नहीं है उनके नाम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना कि सूची में नहीं है. उन्हें देखकर बहुत ही दुःख होता है. लेकिन उनका नाम सूची में होना चाहिए और ऐसे लोगो के नाम इस योजना में जोड़ने के लिए सरकार को सर्वे करना चाहिए. इसी के दूसरी तरफ वह व्यक्ति जो महगी महगी गाडियों से आते है उनके नाम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना की सूची में होते है वह लोग अपने गोल्डन कार्ड बनवाते है और योजना का लाभ लेते है. तो इस वजह से मुझे लगता है कि इस योजना में सूची को सही करने के लिए सर्वे कि आवश्यकता है. इसके कारण बहुत से हो सकते हो जिसका पहला कारण मुझे लगता है कि यह जो सूची 2011 की आर्थिक गड़ना के आधार पर बनायीं है अब लगभग 10 साल बीत चुके है जिस से मेहनत करने वाला गरीब अब अमीर हो गया हो ऐसा हो सकता है और उसे अब आर्थिक पैमाने पर मापा जाये तो वह पात्रता कि सूची में नहीं आएगा. वही अमीर हो सकता है किसी कारण से गरीब हो गया हो जिसे अब इलाज करना भी बहुत मुश्किल हो. लेकिन वह अब पात्रता कि सूची में नहीं हो. तो मुझे लगता है कि ये सूची अपडेट होनी ही चाहिए तभी सही व्यक्ति तक लाभ पहुचेगा.

प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना में अपना नाम व्यक्ति स्वयं ही पता कर सकता है इसके लिए उसे mera.pmjay.gov.in को विजिट करना होगा जिस पर अपना मोबाइल नंबर डालकर otp मांगना होता है और वह otp अपने मोबाइल में डालने पर अपनी जानकारी भरने का विकल्प खुलता है.

जिसमे सबसे सरल तरीका अपना नाम, पिता का नाम, माता का नाम और पति का नाम डालने का विकल्प है इसी के साथ साथ लिंग आयु भरने का विकल्प है तथा जनपद व गाँव लिखने का विकल्प दिया होता है जिसे कम्पलीट करने के बाद सर्च बटन पर क्लिक करने पर रिजल्ट दिखाई देता है कि पात्रता सूची में नाम है या नहीं. कभी कभी नाम की स्पेल्लिंग गलत फीड होने पर भी नाम नहीं दिखता है. उस स्थिति में परिवार में सभी के नाम डालकर चैक करना चाहिए. क्योकि परिवार के सभी सदस्यों के नाम गलत फीड नहीं होंगे.

कभी कभी ऐसा भी देखा जाता है कि परिवार में पिता जी और माता जी का नाम तो है लेकिन बच्चो के नाम नहीं होते है. यदि कभी ऐसी स्थिति आती है तो भारत सरकार द्वारा परिवार में नए सदस्य जोड़ने का विकल्प दिया हुआ है. जिसके द्वारा माता पिता में उनकी संतान को जोड़ा जा सकता है.

उसी प्रकार यदि किसी व्यक्ति कि शादी 2011 के बाद हुई है तो उसकी पत्नी का भी नाम सूची में नहीं होगा. उस स्थिति में वह व्यक्ति अपने पत्नी को अपने गोल्डन कार्ड से जुड़वा सकता है.

माता पिता में संतान को जोड़ने के लिए आवश्यक दस्तावेजो कि आवश्यकता होती है वह राशन कार्ड हो सकता है या जन्म प्रमाण पत्र या शादी का प्रमाण पत्र.